Friday, July 20, 2012

सच है कहते लोग शायद देर अंधेर के बारे मे..

सच है कहते लोग शायद देर अंधेर के बारे मे..
भगवान किसीको नही रखता गम के दायरे मे...

मैने तो मांगा था एक सच्चा प्यार नसीब मे...
कहा पता था के कई जादा था मेरी लकीर मे...

अपने खजाने के चुनिंदा मोहरो मे से तुझे खोज लिया..
और मेरी मुराद पुरी करने के लिये तेरे जैसा दोस्त दिया..

तेरी दोस्ती ने न की सिर्फ प्यार करना दिखा दिया...
बल्की प्यार से भी बढकर जिंदगी जीना सिखा दिया...

अच्छा है के इन्सान किमत के साथ नही आता...
वरना तेरे जैसा दोस्त मै कभी खरीद ही न पाता...

तेरे आने से पहले मेरी ये जिंदगी बडी थी बेरंग...
अब रात के अंधेरे मे भी दिखे सुरज की किरण...

सच ही कहते लोग शायद देर अंधेर के बारे मे..
जिंदगी बदल जाती है ऐसे दोस्तो के सहारे मे...

-वैभव 

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