एक ख्वाहिश थी दिल में अब जो बस थमी रह गई,
जिंदगी मे बस एक सच्चे दोस्त की कमी रह गई.
काटा है जिंदगी का सफर मैने दिये के तरह जलते हुये,
ना करी कभी खुद की परवाह उन गैरो के संग चलते हुये.
चलते चलते राह मे गैरो को तो हमने अपना बना लिया,
पर बेगैरत बन बैठे सब जो हमे वक़्त के साथ भुला दिया.
बस यही उम्मीद थी के हमे भी कोई साथ मिल जाए,
कभी ख़ुशी कभी गम मे थाम ले ऐसा हाथ मिल जाए.
पर उम्मीद जो थी दिल मे वो वैसे ही जमीं रह गई,
चंद बाते थी करनी बयान जो होठो पे जमी रह गई.
एक ख्वाहिश थी दिल में अब जो बस थमी रह गई,
जिंदगी मे बस एक सच्चे दोस्त की कमी रह गई.
- वैभव
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